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सीकर से बड़ी खबर कांग्रेस के 7 तो बीजेपी के 2 पत्ते खुलने बाकी, जानिए क्या है सीकर का पूरा सियासी समीकरण


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कर:यादव चुनाव को लेकर कांग्रेस की पहली लिस्ट आ चुकी है। वहीं बीजेपी ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। दोनों ही पार्टियां अपने-अपने तरीके से रणनीतिक तैयारी में जुटी हैं। ऐसे में बात करें सीकर के सियासी समीकरण की तो यहां बीजेपी को बस दो सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान करना बाकी है। दूसरी ओर कांग्रेस ने अभी तक 7 सीटों पर पत्ते नहीं खोले हैं। सीकर जिले में कुल 8 विधानसभा सीट है। बीजेपी ने यहां 6 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया। कांग्रेस ने अभी एक ही सीट पर कैंडिडेट उतारा है। आइये जानते हैं सीकर में बीजेपी-कांग्रेस ने किस पर खेला है दांव।

डोटासर को लक्ष्मणगढ़ से कांग्रेस ने उतारा

सीकर जिले में कांग्रेस ने केवल प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को लक्ष्मणगढ़ सीट पर फिर से प्रत्याशी बनाया है। वहीं बीजेपी ने पहली सूची को लेकर उठे बवाल के बाद दूसरी लिस्ट में खास बदलाव नहीं किया। अपने पुराने ही उम्मीदवारों को फिर मैदान में उतारा है। इनमें नीमकाथाना से प्रेमसिंह बाजौर, धोद से गोवर्धन वर्मा और श्रीमाधोपुर से झाबर सिंह खर्रा हैं।

7 सीटों पर कांग्रेस को करना है उम्मीदवारों का ऐलान

जिले की लक्ष्मणगढ़ सीट पर कांग्रेस-बीजेपी दोनों के ही प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। अब कांग्रेस को जिले की 7 सीटों पर और बीजेपी को सीकर और खंडेला में उम्मीदवार तय करना है। कांग्रेस की पहली सूची में लक्ष्मणगढ़ के अलावा फतेहपुर और नीमकाथाना सीट पर भी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होनी थी। हालांकि इन्हें ऐन वक्त पर रोक दिया गया।

बीजेपी ने 6 जगह घोषित किए नाम, दो पर सस्पेंस

कांग्रेस के लिए सीकर, श्रीमाधोपुर और खंडेला में उम्मीदवार तय करना अभी टेढ़ी खीर बना हुआ है। धोद सीट पर वहां के वरिष्ठ विधायक परसराम मोरदिया की मर्जी के मुताबिक फैसला होगा। सूत्रों के अनुसार खंडेला सीट से सांसद सुमेधानंद सरस्वती को चुनाव मैदान में उतारने की चर्चा को बल मिला है। हालांकि वो चुनाव लड़ने के बिल्कुल इच्छुक नहीं हैं। परंतु पार्टी के सांसदों को चुनाव लड़ाने की योजना में उनका नंबर आ जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि पड़ोसी जिले झुंझुनूं के सांसद नरेंद्र कुमार को भी मंडावा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया जा रहा है।

कांग्रेस क्या राजेंद्र पारीक फिर देगी टिकट?

बीजेपी के लिए सीकर जिला मुख्यालय की सीट भी पहेली बनी हुई है। यहां से प्रत्याशी चयन को लेकर काफी उलझन है। जिसको सुलझाने के लिए अनेक एंगल से ताने-बाने बुने जा रहे हैं। दरअसल इस सीट पर कांग्रेस के राजेंद्र पारीक के सामने बीजेपी ने अब तक आधा दर्जन प्रयोग किए। जिसमें से दो प्रयोग रतन लाल जलधारी और राजकुमारी शर्मा के सफल रहे हैं। अन्य चार असफल रहे।

कांग्रेस के दांव पर बीजेपी की नजर

पार्टी सफल प्रयोग की ओर देख तो रही है लेकिन इस बीच कई प्रकार के पेंच भी आड़े आ रहे हैं। अभी तक कांग्रेस ने भी इस सीट पर अपना प्रत्याशी तय नहीं किया है। सियासी हलकों में राजेंद्र पारीक के टिकट कटने की चल रही गर्म हवाओं ने बीजेपी को 'वेट एंड वॉच' की पोजीशन पर ला खड़ा कर रखा है। पारीक को टिकट न मिलने पर ही बीजेपी नया खेल प्लान कर सकती है। ऐसा नहीं होने पर उसे इस सीट को हथियाना के लिए पुराने चेहरों की ओर ही देखना होगा। बहरहाल जिले की 7 सीटों पर कांग्रेस के और दो सीटों पर भाजपा के पत्ते खुलने के इंतजार में जनता है। उसके बाद में ही वोटर अपना फैसला सुनाएंगे।

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