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Rajasthan: पीएम ने अजमेर की रैली से तय की BJP की सियासी लाइन, मंच पर बैठीं वसुंधरा को भी दिया ये संदेश

अजमेर :- राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अजमेर रैली के साथ ही अपने चुनावी अभियान का शंखनाद कर दिया है। पीएम ने अपनी रैली के जरिए एक तीर से दो निशाने साधे। पहला उन्होंने कांग्रेस सरकार की फूट पर जमकर हमला बोला। वहीं, भाजपा के सभी कद्दावर नेताओं को संदेश देते हुए पार्टी की चुनावी सियासी लाइन भी तय कर दी।

इस लाइन से भाजपा के सभी नेताओं को संदेश मिल गया है कि इस लड़ाई को छोड़कर जनता के बीच जाएं कि सीएम का चेहरा कौन होगा। उनका काम वोट बढ़ाना है। पीएम ने गहलोत और पायलट के बीच चल रहे विवाद पर तंज कसा। कांग्रेस सरकार में फूट का जिक्र करके उन्होंने भाजपा नेताओं को प्रदेश में एकजुट रहने और मिलकर चुनाव लड़ने की नसीहत दी। यहीं नहीं, मंच पर सभी प्रमुख नेताओं को एक साथ बैठा कर पीएम ने सभी को साथ लेकर चलने का इशारा भी कर दिया है।

राजे से मिलकर हाथ जोड़े, लेकिन उनकी योजनाओं का जिक्र नहीं किया
अजमेर रैली में पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की 9 वर्ष की उपलब्धियां गिनाई। इसके अलावा पूर्व की कांग्रेस सरकारों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने 40 मिनट के भाषण में प्रदेश की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सरकार की योजनाओं का जिक्र तक नहीं किया। इससे पीएम मोदी ने साफ संदेश दिया है कि भाजपा केवल पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे के दम पर ही विधानसभा और लोकसभा चुनाव में उतरेगी। हालांकि, जब रैली के लिए पीएम मोदी मंच पर पहुंचे तो वसुंधरा राजे सिंधिया उन्हें समाने दिखीं। पूर्व सीएम को देखते ही पीएम ने हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। वसुंधरा ने भी मुस्कुराकर पीएम मोदी के राजस्थान आगमन का शुक्रिया कहा। मंच पर पीएम और पूर्व सीएम पास में ही बैठे हुए नजर आए।  
एक रैली से कई संदेश दिए पीएम ने
अमर उजाला से बातचीत में राजस्थान भाजपा के एक सांसद कहते हैं कि पीएम ने अजमेर की रैली से कई संदेश दिए हैं। पुष्कर दर्शन के दौरान उन्होंने हमारे वरिष्ठ और राज्यसभा सांसद घनश्याम भाई तिवाड़ी को साथ रखा। इसके पूरे प्रदेश में अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। तिवाड़ी जनसंघ के वक्त से प्रदेश की सियासत का चेहरा रहे हैं। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मतभेद के चलते उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी। लेकिन हाल ही में पार्टी में उनकी वापसी हुई और वे राज्यसभा पहुंचे हैं। आने वाले वक्त में उनकी प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका होगी।

पीएम ने कांग्रेस के मतभेद पर तंज कसते हुए भाजपा नेताओं को इशारों में ही एकजुट रहने का संकेत दिया। उनका इशारा साफ था कि पोस्टर वॉर और शक्ति प्रदर्शनों से दूर रहें और जनता के बीच जाकर काम करें। वहीं वसुंधरा राजे को पास बैठाकर यह संदेश कि पूर्व सीएम को नजरअंदाज करने की भूल कोई ना करे। वसुंधरा राजे पीएम के कार्यक्रम से एक दिन पहले अजमेर पहुंच गई थीं। पार्टी ने मंच पर लगे पोस्टर में वसुंधरा राजे को प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और राजेंद्र राठौड़ के साथ जगह भी दी है। इसके मायने निकाले जा रहे हैं कि प्रदेश में भाजपा के तीन ही प्रमुख नेता हैं।
मंच पर नजर आया सियासी संतुलन
पीएम नरेंद्र मोदी की इस रैली के जरिए पूरे राजस्थान को संदेश देने की कोशिश की गई है। मंच पर कुल 32 कुर्सियां लगाई गई थीं। इसमें प्रमुख सांसदों के अलावा राजस्थान के प्रमुख नेताओं को तरजीह दी गई। मंच पर पांच सांसदों को जगह नहीं दी गई। इनमें से तीन पूर्वी राजस्थान से आते हैं। रैली के मंच पर लगाए गए पोस्टर में केवल पांच लोगों की तस्वीर रखी गई। पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी तस्वीर रखी गई। उनके ठीक पास में बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा की फोटो लगाई गई थी। जबकि पोस्टर के दूसरे हिस्से में राजस्थान बीजेपी के तीन प्रमुख नेताओं की फोटो लगाई गई थी। इनमें प्रदेश अध्यक्ष व सांसद सीपी जोशी, बीच में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया और उनके बगल में पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ की तस्वीर थी। बीजेपी इन तस्वीरों के जरिए साफ संकेत दे रही है कि राजस्थान में उनके ये तीन चेहरे ही प्रमुख हैं। अजमेर की रैली के लिए बीजेपी की तरफ से जो भी प्रचार सामग्री तैयार की गई है उन सब में वसुंधरा राजे सिंधिया की तस्वीर को प्रमुखता से रखा गया है।

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