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Rajasthan: अमित शाह तो बहाना हैं, निशाने पर कोई और? वसुंधरा राजे ने भी दिखाए तेवर, जानें सियासी मायने

जयपुर:- जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे राजस्थान की राजनीति में उथल-पुथल प्रारंभ हो चुकी है इसकी बानगी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक बयान से देखने को मिली उसके बाद वसुंधरा राजे ने भी अपना बयान जारी किया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते रविवार एक बार फिर से मानेसर की घटना की चर्चा कर सियासी माहौल गर्म कर दिया है. उन्होंने अमित शाह पर हमला बोलकर कई और को निशाने पर लिया. अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी अपने तेवर दिखाये हैं. उन्होंने अशोक गहलोत पर बड़ी साजिश रचने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उनका जितना अपमान अशोक गहलोत ने किया उतना किसी ने नहीं किया है. इसे लेकर राजस्थान की सियासत में कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं.
क्या अमित शाह पर ही अशोक गहलोत ने हमला बोला है या इसके पीछे कोई और बड़ी कहानी है? दरअसल, पिछले दिनों पंजाब में प्रकाश सिंह बादल की श्रद्धाजंलि सभा में अमित शाह और सचिन पायलट का आमना-सामना हुआ था. उसे लेकर खूब चर्चाएं हैं. तो क्या उस मुलाकात से यहां सरकार में खलबली मची है? कुछ जानकारों का कहना है कि बाड़मेर में हेमाराम चौधरी के घर पर जो कार्यक्रम हुआ था, उसका असर है. क्योंकि वहां पर कई ऐसे विधायक भी दिखे, जो गहलोत सरकार के करीबी हैं..
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अमित शाह पर हमला, लेकिन नहीं लिया सचिन पायलट का नाम
रविवार को अशोक गहलोत ने जब मानेसर की बात कही तो उसमें सबसे बड़ी बात यह दिखी की सचिन पायलट या किसी विधायक का नाम नहीं लिया गया. उसमें अमित शाह पर पूरा हमला रहा, जबकि कहीं न कहीं पूर्व डिप्टी सीएम पायलट पर भी हमला बोला गया. अशोक गहलोत ने एक ही बात पर जोर दिया कि जो पैसा हमारे विधायकों को दिया गया है उसे वापस मांग लिया जाए. मतलब, अब इस मुद्दे को जन्म देने की कोशिश की गई है कि मानेसर में पैसे बंटे थे. बाड़मेर और पंजाब के घटनाक्रम के असर को कम करने के लिए कल एक नया मुद्दा फिर से गहलोत ने सबके सामने ला दिया है.
राजे की 'दोस्ती' आ गई सामने
राजस्थान में वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत की 'राजनीतिक दोस्ती' के कई किस्से सुनाए जाते हैं. पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जयपुर आए थे तो उन्होंने भी आरोप लगाया कि दोनों एक-दूसरे से मिले हैं. अब गहलोत ने उस घटनाक्रम को खुद सबके सामने ला दिया है. इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. चुनाव से पहले गहलोत ने इन घटनाओं का जिक्र करके कई नई चर्चाओं और बातों को जन्म दे दिया है.


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