जयपुर में सड़क किनारे बैठा एक दलित परिवार अपने गांव कोटखावदा जाने का इंतजार कर रहा था। इसी बीच एक थार जीप परिवार काल बनकर आई और 6 लोगों को बुरी तरह से कुचल दिया। कुचला भी ऐसा कि दो भाइयों के परिवार में मां-बेटे और पति-पत्नी ने मौके पर दम तोड़ दिया। दो बच्चों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
पुलिस पहले इसे एक्सीडेंट का केस मान कर जांच कर रही थी। नया मोड़ तब आया जब 2 चश्मदीद बच्चों ने राज खोले। सवाल उठे कि पड़ोस में रहने वाले युवकों ने जानबूझकर कुचलकर इनकी हत्या की है। इसके बाद परिवार के साथ पूरा गांव धरने पर बैठ गया। अब 2 दिन बाद पुलिस ने 3 पड़ोसी युवकों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।
ये किसी रंजिश में की गई हत्या थी या महज एक एक्सीडेंट, दोनों ही कहानियां जानने के लिए भास्कर टीम जयपुर से 60 किलोमीटर दूर कोटखावदा गांव पहुंची।
ग्राउंड रिपोर्ट कर पड़ताल की कि आखिर उस दिन क्या हुआ था? घटना के चश्मदीद 12 और 13 साल के दो बच्चों से आपबीती जानी...
12 साल की आरती ने बताया, उस घटना का सच!
'मेरे पापा मदन राम की 17 मई को बीमारी से मौत हो गई थी। उनकी अस्थियां विसर्जन करने के लिए मेरी मम्मी सुनीता, ताऊ सीताराम, ताई अनिता और मेरे दो भाई विशाल और विकास के साथ मैं भी हरिद्वार गई थी। 21 मई को हरिद्वार से लौटकर सड़क किनारे हम घर के बाहर बैठे थे। रिश्तेदार और घरवाले हमारे लिए पानी ला रहे थे कि तभी थार जीप दौड़ते हुए आई और हमें जोर से टक्कर मारी। मैं उछल कर दूर जा गिरी
अब वो पढ़िए, जो 13 साल के हनुमान ने जो आंखों से देखा
'मैं अपने मम्मी-पापा सीताराम और अनिता के साथ जयपुर में रहता था। 17 मई को चाचा मदनराम की मौत हुई तो उनके साथ गांव आए थे। 21 मई को मम्मी-पापा हरिद्वार से लौटे थे तो मैं और मेरी बुआ का लड़का मनोहर उनके लिए घर से पानी ले जा रहे थे।
वो सड़क किनारे पेड़ की छाया में बैठे थे। हम वहां पहुंचते उससे पहले ही एक थार जीप आई और वहां बैठे मम्मी-पापा सीताराम और अनिता के साथ ही चाची सुनीता और चचेरे भाई-बहन विशाल, आरती और विकास को टक्कर मार दी।
इसके बाद थार जीप 3 बार आगे-पीछे हुई और उन्हें कुचलती रही। टक्कर इतनी तेज मारी कि इससे वहां खड़ा पेड़ भी टूटकर गिर गया। हम भी डरते हुए घर की तरफ भाग गए। जब दूसरे लोगों के साथ पहुंचे तब तक सब खत्म हो गया था।'
कोई रंजिश नहीं थी, पता नहीं क्यों हमारे परिवार को खत्म किया
मृतकों के रिश्तेदार पप्पूराम ने बताया कि हमारे परिवार की आरोपियों से कोई विवाद या दुश्मनी नहीं थी। पता नहीं क्यों उन्हें मार दिया? ये सब तो यहां पेड़ की ओट में शांति से बैठे थे। यह एक्सीडेंट नहीं है। उन्हें तो गाड़ी आगे-पीछे कर कर के कुचलकर मारा गया है।
इसके बाद वे वहां से भाग गए। आरोपियों की गाड़ी में शराब की बोतलें भी मिली हैं। घटना के बाद हम शव लेकर कोटखावदा गांव में धरने पर बैठे। आखिर में 2 दिन बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। पप्पू राम ने आरोप लगाया कि अभी भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। आरोपी भी घर पर ही बैठे हों तो पता नहीं, क्योंकि पुलिस पकड़ने ही नहीं जा रही है।
इसके बाद हमने BJP के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा से बात की, क्योंकि जब धरने के बाद भी पुलिस ने पीड़ित परिवार की मांगे नहीं मानी तो सांसद पीड़ित बच्चों को लेकर जयपुर में DGP आवास पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने हिट एंड रन की जगह मर्डर का मामला दर्ज किया।
सांसद बोले- पहले हिट एंड रन केस माना, 28 घंटे बाद दर्ज की मर्डर की FIR
बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने बताया कि वह घटना की जानकारी लगते ही कोटखावदा पहुंच गए थे। वहां परिजन और गांव के लोग आक्रोशित होकर शव सड़क पर रखकर धरने पर बैठ गए थे। पुलिस मामले को हिट एंड रन के तहत IPC की धारा 304 A का केस मान रही थी। वहीं जो बच्ची बता रही थी, वो अलग था। वो मर्डर का मुकदमा दर्ज करवाना चाहते थे।
आरोपी भी पड़ोस में ही रहने वाले थे। दोनों परिवारों में रंजिश थी या नहीं, ये साफ़ नहीं हो पाया है। धरने के दूसरे दिन जब पुलिस मांगें मानने को तैयार नहीं हुई तो मैं, पीड़ित परिवार के बच्चों को लेकर जयपुर में DGP उमेश मिश्रा के घर पहुंचा। इसके बाद ही पुलिस ने मर्डर का मुकदमा दर्ज किया। अब जो सच होगा, वो जांच में सामने आ जाएगा।
सीओ बोली- इन्वेस्टिगेशन के बाद आरोपियों को भी गिरफ्तार करेंगे
वहीं इस मामले की जांच कर रही चाकसू सीओ संध्या यादव ने बताया कि तीनों आरोपियों सुरेश गुर्जर, सचिन गुर्जर और विजय गुर्जर के खिलाफ 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मौके से FSL टीम ने भी साक्ष्य जुटाए हैं।
फिलहाल जांच से पहले कुछ भी कह पाना मुश्किल है। इन्वेस्टिगेशन के बाद आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लेंगे। उनकी तलाश के लिए कई टीमें लगाई गई हैं। दलित परिवार के घर पर पुलिस सुरक्षा भी मुहैया कराई गई है।
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