सीकर :-सरकारी टीचर से नॉन टीचिंग काम करवाने के विरोध में कलेक्ट्रेट के बाहर 60 दिन से जारी धरना आज समाप्त हो गया है। शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल एडीएम राकेश कुमार से मिला। उन्होंने लिखित आश्वासन दिया है कि सीकर जिले में सरकारी टीचर्स से नॉन टीचिंग काम नहीं करवाया जाएगा। साथ ही सीकर के समस्त एसडीएम को भी इस संबंध में लेटर जारी कर दिया है।
सीकर में 60 दिन पहले राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के बैनर तले यह धरना शुरू हुआ था। विरोध जताते हुए कल सरकारी टीचर्स ने कलेक्ट्रेट परिसर में सरकारी अधिकारियों के ऑफिस के बाहर झाड़ू भी लगाई थी। जिनका आज सरकारी अधिकारियों को चाय पिलाने का कार्यक्रम था। लेकिन इसके पहले प्रशासन ने उन्हें वार्ता के लिए बुलाया। जिसके बाद एडीएम राकेश कुमार ने उनके साथ लिखित समझौता किया।
राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के उपेंद्र शर्मा ने बताया कि सीकर जिले के पिछले 3 दशक के इतिहास में यह शिक्षकों का सबसे बड़ा आंदोलन था। जो 60 दिन तक चला। आंदोलन में जीत टीचर्स की हुई। शिक्षक संघ शेखावत ने यह आंदोलन सार्वजनिक शिक्षा को बचाने के लिए शुरू किया था। क्योंकि यदि टीचर्स से लगातार नॉन टीचिंग काम करवाए जाते हैं तो स्टूडेंट्स भी पलायन करना शुरू कर देते हैं। एडीएम राकेश कुमार ने आज लिखित समझौते में RTE की धारा 27 का हवाला देते हुए लिखित समझौता किया है। जिलाध्यक्ष विनोद पूनियां ने बताया कि अब यह समझौता होने के बाद टीचर्स से प्राकृतिक आपदा, चुनाव और जनगणना के अलावा अन्य कोई भी नॉन टीचिंग काम नहीं करवाया जा सकता है।
शिक्षकों को करने पड़ रहे 32 से ज्यादा शैक्षिक कार्य
शिक्षकों को बीएलओ व जनआधार पंजीकरण, मिड- डे मील, बाल गोपाल दूध व शाला दर्पण के अलावा छात्रवृत्ति, राजश्री व पालनहार योजना, यूनिफॉर्म, एसआईक्यूई, उत्सव- जयंती, शाला स्वास्थ्य, स्वच्छता, मीना मंच, यूथ ईको क्लब, इंस्पायर अवार्ड, प्रवेशोत्सव, एसएमसी बैठक, पाठ्य पुस्तक, किचन गार्डन, पुस्तकालय, वृक्षारोपण, खेलकूद, स्टॉक, वॉलिन्टियर, ऑनलाइन व डाक सरीखे काम के अलावा निष्ठा प्रशिक्षण, आत्मरक्षा प्रशिक्षण, हाउस होल्ड सर्वे संबंधी गैर शैक्षिक कार्य पहले से करने पड़ रहे हैं।
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