नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने बजट भाषण में कहा था कि नई कर प्रणाली के तहत टैक्स देने वाले करदाताओं को भी स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) का लाभ मिलेगा. उन्होंने यह बात बोलते समय 15.5 लाख रुपये की आय वाले लोगों का उदाहरण दिया था लेकिन इससे असमजंस की स्थिति पैदा हो गई थी. लोगों को लगने लगा था कि इससे कम कमाने वाले करदाताओं को इसका लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि, अब इस पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी की ओर से सफाई आ गई है. विभाग ने कहा है कि हर आयवर्ग के करदाता को इसका लाभ मिलेगा.
पुरानी कर व्यवस्था (old tax Regime) अपनाने वाले कर्मचारियों और पेशनर्स को पहले ही स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ दिया जा रहा था. वहीं, बजट 2023 में वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था अपनाने वाले कर्मचारियों और पारिवारिक पेंशन पाने वालों को भी इसका लाभ देने की घोषणा की थी. कर्मचारियों का 50,000 रुपये तक की कटौती मिलेगी, वहीं फैमिली पेंशनर्स को 15,000 रुपये की कर कटौती स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में दी जाएगी.
सीबीडीटी ने की स्थिति साफ
सीबीडीटी के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने बजट के बाद के स्पष्टीकरण में समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि सभी वेतनभोगी करदाताओं को नई व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ दिया जाएगा. गुप्ता ने कहा कि बजट भाषण में वित्त मंत्री ने 15.5 लाख आय का जिक्र बस यह समझाने के लिए किया था कि इतनी आय वालों को कितना लाभ होगा. इसका यह मतलब नहीं है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ केवल पंद्रह लाख से ऊपर आय वालों को मिलेगा.
क्या है स्टैंडर्ड डिडक्शन?
स्टैंडर्ड डिडक्शन वो कटौती है जिसे आयकरदाता की आय से काटकर अलग कर दिया जाता है और इसके बाद बची हुई आमदनी पर टैक्स की गणना की जाती है. मान लीजिए कि किसी नौकरी करने वाले व्यक्ति की सालाना आय 8 लाख रुपये है. ऐसे में कुल पैकेज में 50,000 रुपये तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिला तो उनके टैक्स की गणना 8 लाख की बजाय 7,50000 रुपये पर होगी. इस छूट को पाने के लिए कोई भी कागज नहीं देना होता है.
कब से नया नियम होगा लागू?
नई कर व्यवस्था के तहत मानक कटौती लाभ निर्धारण वर्ष 2024-25 से लागू होगा, यानी वित्त वर्ष 2023-24 के बाद आयकर रिटर्न दाखिल करने पर इसका लाभ उठाया जा सकता है.
0 Comments