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बैंक अफसरों ने किया साढे़ 8 लाख का गबन:पहले दस्तावेज से फर्जी लोन दिया, फिर एटीएम कार्ड चुराकर विड्रोल की रकम

जयपुर:- बैंक अफसरों ने किया साढे़ 8 लाख का गबन:पहले दस्तावेज से फर्जी लोन दिया, फिर एटीएम कार्ड चुराकर विड्रोल की रकम भारत फाईनेंस इनक्लूजन लिमिटेड (इंडसइंड बैंक) की ब्रांच में करीब साढे़ आठ लाख के गबन का मामला सामने आया है। अफसरों ने पहले दस्तावेज से फर्जी लोन दिया और बाद में किट से एटीएम कार्ड चुराकर रकम विड्रोल कर ली। ब्रांच मैनेजर की रिपोर्ट पर आदर्श नगर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। आरोपी अफसर अजमेर सहित सीकर, जयपुर, टोंक, नागौर के रहने वाले है।

अलवर निवासी भारत फाईनेंस इनक्लूजन लिमिटेड (इंडसइंड बैंक) की ब्रांच अजमेर रिटेल्स के ब्रांच मैनेजर नरेन्द्र सिंह पुत्र शिवदयाल ने बताया कि कंपनी इंडसइंड बैंक लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। जो बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के तहत कार्य करती है। इंडसइंड बैंक द्वारा अपने बिजनेस कॉरेसपोडेंट (बीसी) के रूप में नियुक्त किया गया है। लोन ऑफिसर छोटे व्यापारियों को लोन देने एवं उनके कलेक्शन का कार्य करते है। साथ में उनका बैंक में बचत खाता भी खोलते है, जब बचत खाता खोला जाता है, तो उसके साथ व्यापारी को एक बिजनेस किट प्रदान करते है। उस बिजनेस किट के अंदर उसका ए.टी. एम. कार्ड और बिजनेस से संबंधित अन्य सामग्रियां होती है।

ब्रांच में पद पर कार्यरत सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) निवासी सतीश कुमार कुशवाहा (ब्रांच मैनेजर)पुत्र लाल बहादुर कुशवाहा, फुलेरा, जयपुर ​​​​​​निवासी शंकरलाल शर्मा (ब्रांच क्रेडिट मैनेजर) पुत्र नाथूराम शर्मा, माडोता, सीकर निवासी सुरेश फागेरिया पुत्र शिवपाल सिंह, रियांबड़ी, डोडियाना, नागौर निवासी मुकेश चौधरी पुत्र भैरू, सेदरिया, अजमेर निवासी संजू पुत्री हरजीत काठात, विराटनगर, मालिवाला, जयपुर निवासी राहुल कुमावत पुत्र रोहिताश कुमावत, झुंडवा, टोंक निवासी मनीष कुमार मीणा पुत्र रामपाल मीणा ने अपने पद का दुरूपयोग किया।

इन्होंने लोन सदस्य के दस्तावेज से फर्जी लोन करवाकर, उनके किट से उनका ए.टी.एम. कार्ड चुराया और सारे पैसे उसके खाते से निकाल लिए। इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी, तो उच्च अधिकारियों ने फिल्ड वैरिफिकेशन करके जिन व्यापारियों से रुपए लिए है, उन व्यापारियों से लिखित स्टेटमेंट करवाए और वैरिफिकेशन के आधार पर सतीश कुमार, शंकरलाल, सुरेश फागेरिया, मुकेश चौधरी, संजू, राहुल कुमावत, मनीष कुमार की ओर से कुल 8 लाख 35 हजार 245 रुपए के गबन को प्रमाणित पाया। जब इनको गबन की गई राशि लौटाने के लिए बोला गया तो मना करते हुए धमकी दी कि अगर कोई कार्यवाही करने की कोशिश की, तो उसका अंजाम बहुत बुरा होगा। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच एएसआई मंगाराम को सौंपी है।

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