जयपुर :- राजस्थान भाजपा के मिशन 2023 के बीच भाजपा दल की अंदरूनी राजनीति में तहलका मचा हुआ है राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया की जयपुर से दिल्ली तक दौरे से एकाएक हलचल बढ़ने से वसुंधरा विरोधी खेमा चौकन्ना हो गया है।
राजस्थान में 2023 में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं बदलती हुई परिस्थितियों में एक-दूसरे के विरोधी रहे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया एक साथ मंच पर आ गए हैं विधानसभा चुनाव 2023 से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है जिससे भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व परेशानी में आ गया है।
नए गठजोड़ से वसुंधरा सीएम रेस में पिछड़ी
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री चेहरे की दौड़ में शामिल गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूनिया गुट से हाथ मिला कर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के लिए परेशानियां खड़ी कर दी है शेखावत और पूनिया गुट के साथ आने से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए मुख्यमंत्री की रेस में बने रहना बड़ा मुश्किल साबित हो रहा है।
शेखावत -पुनिया वसुंधरा राजे का नेतृत्व स्वीकार करने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूनिया के प्रदेश अध्यक्ष बनने का विरोध किया था लेकिन अब हालात पहले से बदल गए हैं दोनों नेता कहते हैं कि वसुंधरा राजे राज्य की राजनीति का मोह छोड़कर केंद्र की राजनीति में सक्रिय हो जाए।
गुटबाजी जेपी नड्डा हुए नाराज
शेखावत व पुनिया के गठजोड़ की भनक पूर्व सीएम को भी लग गई है वसुंधरा राजे ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सवाई माधोपुर जिले में हुए अनुसूचित जनजाति मोर्चे के कार्यक्रम से दूरी बनाकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी बीजेपी से जुड़े सूत्रों के अनुसार राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले प्रदेश में भाजपा में गुटबाजी से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा नाराज नजर आ रहे हैं गौरतलब है कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने हाल ही में दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी समेत भाजपा के सांसदों से शिष्टाचार मुलाकात की थी वसुंधरा राजे के दिल्ली दौरे से शेखावत काफी चिंतित नजर आए बदलते सियासी समीकरण के तहत दोनों नेता एक साथ आगे आए हैं पुनिया अपने संगठनों के माध्यम से अपनी ताकत का एहसास करा रहे हैं कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र भी ज्यादा सक्रिय हो गए हैं।
वसुंधरा राजे के दिल्ली दौरे के बाद राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के संगठनात्मक कार्यक्रमों ने भी गति पकड़ ली है सतीश पूनिया के संगठनात्मक दौरे को वसुंधरा राजे को जवाब देने के तौर पर देखा जा रहा है सतीश पूनिया के रोड शो और देव दर्शन के सियासी गलियारों के कई मायने निकाले जा रहे हैं राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी का संसदीय बोर्ड ही तय करेगा कि राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा पूनिया के इस बयान के वसुंधरा के तौर पर देखा जा रहा है वसुंधरा राजे के समर्थक लगातार विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग रहे हैं उनका कहना है कि वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनाया गया तो विधानसभा चुनाव में पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ सकता है सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव होने में लंबा समय है ऐसे में जल्दबाजी ठीक नही है राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में होने की संभावना है।
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