नई दिल्ली :- भारत सरकार ने बुधवार को अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को बढ़ा दिया है महंगाई भत्ते की दर 31% से बढ़ाकर 34 फीसदी कर दी गई है नई दरें 1 जनवरी 2022 से लागू होंगी कर्मचारियों और पेंशनर्स को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार द्वारा 18 महीनों के डीए के भुगतान को लेकर कोई घोषणा की जाएगी हालांकि केंद्र सरकार इस संबंध में कुछ नहीं कहा है ।
जेसीएम के सदस्य और ए आई डी ई एफ के महासचिव सी. श्री कुमार ने इस संबंध में कैबिनेट सचिव को पत्र लिखा था इसके बावजूद भी केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों और पेंशनर्स के 18 महीनों के बकाया महंगाई भत्ते के एरियर को लेकर कोई घोषणा नहीं की।
श्री कुमार के मुताबिक पिछले साल केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी की आड़ लेकर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते और महंगा राहत पर रोक लगा दी थी महामारी के दौरान रेलवे रक्षा डाक स्वास्थ्य शिक्षा सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों ने अच्छे से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इतना ही नहीं केंद्र सरकार के इन कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री केयर फंड में 1 दिन का वेतन भी जमा कराया था श्री कुमार का कहना है कि केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के 11 % DA का भुगतान रोक कर लगभग 40000 करोड रुपए बचा लिए थे कर्मचारियों को अपने डीए बहाल के लिए संघर्ष करना पड़ा था और काफी संघर्ष के बाद केंद्र सरकार को महंगाई भत्ते को बाहर करना पड़ा।
केंद्रीय कर्मचारियों के दबाव में 11% DA बहाल हुआ
कर्मचारी संगठनों के दबाव के कारण केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष 1 जुलाई से 11% की दर से महंगाई भत्ते और महंगा राहत को जारी करने की घोषणा की उस वक्त केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2020 से लेकर 1 जुलाई 2021 तक के महंगाई भत्ता और महंगा राहत की बकाया राशि को लेकर है कोई बात नहीं की इससे पहले कर्मचारी संगठन विरोध के लिए आगे आते रहे है केंद्र सरकार 1 जनवरी 2020 से लेकर 30 जून 2021 तक महंगाई भत्ता और महंगा राहत को फ्रिज रखा उस अवधि में महंगाई भत्ते की दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी इन 18 महीनों में DA की तरह 17% ही मानी जाएगी एरियर के लिए कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला दिया ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि वेतन और पेंशन कर्मचारियों का इनटाइटल मेंट है और इसे किसी भी सूरत में नहीं रोका जा सकता सरकार का यह कदम वेतन आयोग की स्वीकृति और सिफारिशों के खिलाफ है 26 जून 2021 को आयोजित राष्ट्रीय परिषद की 48 वीं बैठक में स्टाफ साइड ने डिमांड की थी कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के महंगाई भत्ते और महंगा राहत की तीन किस्तों का भुगतान 1 जनवरी 2020 से किया जाए।
सर्वोच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसला
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी कहा गया है कि सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन को स्थाई रूप से नहीं रोक सकती सातवें वेतन आयोग ने उन मामलों में भी निर्णय की सिफारिश की थी जहां एक समूह है या सरकारी कर्मचारियों की श्रेणी के लिए लागू सामान्य प्रकृति का एक सिद्धांत या सामान्य मुद्दा उन्हें सभी कर्मचारियों पर लागू होगा जिन्होंने मुकदमा नहीं किया है या अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाया है श्री कुमार के अनुसार यदि केंद्र सरकार उपरोक्त अनुरोध के अनुसार महंगाई भत्ता और महंगाई राहत बकाया राशि जारी करने का निर्णय नहीं ले रही है तो कर्मचारी संघ न्याय पाने के लिए दोबारा संघर्ष करने का रास्ता अपनाएंगे केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार 3% डीए बढ़ाने के साथ एरियर को लेकर कोई घोषणा करेगी लेकिन कर्मचारियों और पेंशनर्स को निराशा हाथ लगी है कर्मचारियों ने उस वक्त सरकार से आग्रह किया था कि वह चाहे तो महंगाई भत्ते और महंगा राहत का एरियर तीन या चार तो में भुगतान कर सकती है अब केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनरों से इस बाबत संगठन के माध्यम से एक बार फिर आवाज उठाएंगे।
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